कभी ☝ तो हम पर रहमत 😇 दिखा 💓 ए इश्क़,
इम्तिहाँ ✍📘 मोहब्बत के हम ही दें 😔 ये तय तो नही..
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तुमने कान लगाकर सुना ही नही
दो सूखे होंठ तुझको पुकार रहे थे
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कोई सिखा दे हमें 👤 भी वादों 🤝 से मुकर जाना,
बहुत थक 😞 गये हैं, निभाते निभाते..
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किया 🏽 तो इश्क़ 💞 था पर,
करनी 😔 शायरी 👌 पड़ 🗣 रही है..
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ना जाने किस कालेज 🏫 से ली थी मोहब्बत ❤ की डिग्री 👸 उसने,
की ☝ मुझसे किये सारे वादे फर्जी 😐 निकले..
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बचपन के खिलौने सा कहीं छुपा लूँ तुम्हें,
आँसू बहाऊँ, पाँव पटकूँ और पा लूँ तुम्हें।
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जब यार ने उठा कर ज़ुल्फ़ों के बाल बाँधे
तब मैं ने अपने दिल में लाखों ख़याल बाँधे।
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ना दिल की चली ना आँखों की,
हम तो दीवाने बस तेरी मुस्कान के हो गए।
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हमें मोहब्बत है तुमसे खुशबू की तरह,
और खुशबू का कोई पैमाना नहीं होता।
हम अल्फाजो को ढूढते रह गए,
और वो आँखों से गज़ल कह गए।
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में रंग हुँ तेरे चेहरे का, जितना तू
खुश रहेगा उतना में जाऊंगा जाऊँ गा
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जलवे तो बेपनाह थे इस कायनात में,
ये बात और है कि नजर तुम पर ही ठहर गई।
रौशनी में कुछ कमी रह गई हो तो..
बता देना दिल आज भी हाजिर है जलने को।
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