एक पल के लिये भी मुझे भूल के तो देखो
तुम्हारा वज़ूद मिट जाएगा मुझे याद करते करते
हसते हो सुनकर दर्द-ए-दिल मेरा
ख़ुदा करे तुम्हे भी किसी से इश्क हो जाए
बुझ गया है दिल बुझे चरागों की तरह
इस खंडर में अब कोई हलचल नही होती
मिले बो तपाक से और मुस्करा कर निकल गए
अरे कम-से-कम हाल तो पूछा होता..
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