#एक बार कर के #ऐतबार लिख #दो,
कितना #है मुझ से #प्यार लिख #दो,
#कटती नहीं ये #ज़िन्दगी अब तेरे #बिन,
कितना #और करूँ #इन्तज़ार लिख दो।
#तरस रहे हैं #बड़ी मुद्दतों से #हम,
अपनी #मुहब्बत का #इज़हार लिख दो,
#दीवाने हो जाएँ जिसे #पढ़ के हम,
#कुछ ऐसा #तुम एक बार #लिख दो।
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●हो सके तो #मुस्कुराहट बाँटिये,
#रिश्तों में कुछ #सरसराहट बाँटिये!
#नीरस सी हो चली है #ज़िन्दगी बहुत,
थोड़ी सी इसमें #शरारत बाँटिये!
सब यूँ ही #भाग रहे हैं #परछाइयों के पीछे,
अब #सुकून की कोई #इबादत बाँटिये!
#ज़िन्दगी यूँ ही न बीत जाये #गिले #शिकवों मे,
#बेचैनियों को कुछ तो #राहत बाँटिये!!
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जो तुझे बिखरने पर समेट ले,
वो बाँहे बन जाऊँ !
जो तेरे रोने से तर हों,
वो आँखें बन जाऊँ!
और जिस पल तू जीने की
आस ही छोड़ दे,
ख़ुदा करे मैं उसी पल
तेरी साँसें बन जाऊँ.!
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कतरा कतरा बिखरता क्यूँ है।।
वो मेरी रूह में उतरता क्यूँ है।।
मैं आइना तो नहीं हूँ उसका।।
वो मुझे देख के सँवरता क्यूँ है।।
मुझको पहचानता नहीं है अगर।।
देख कर साँस मुझे भरता क्यूँ है।।
उसके ही हाल से हुआ है ये हाल मेरा।।
फिर मेरे हाल से वो डरता क्यूँ है।।
घर मेरा छोड़ दिया था जिसने।।
मेरी गलियों से वो रोज़ गुज़रता क्यूँ है..!!!
🌹🌹
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