60₹
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कहानी अपने घरों की जिसमे मैं मेरा भाई और मेरे बुआ का लड़का पात्र हैं...
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दोपहर के करीब 12 बज रहे थे.. चारों तरफ सनाटा छाया
हुआ था .. हम तीन भाई एक रूम में बैठे
अपनी बातों को एक दुसरे से साझा कर रहे थे.
तभी मेरे चाचा रूम में आये और बड़े भाई की पिटाई कर दी
(वजह पढ़ाई के बजाय गप्पा लड़ा रहे थे) चाचा के पिटाई के
बाद मेरे अलावा मेरे बुआ का लड़का और मेरे भाई ने प्लान
बनाने सुरु कर दिए ( कि अब घर से चलो भाग चलते है तो
बुआ के लड़का ने भी साथ दिया मेरे अलावा मैंने कहा सोलुशन
भाग जाने से थोड़ी न हल होंगे लेकिन वो दोनों अपने दिमाग की
सुन रहे थे और काफी अपने फैमिली पे गुस्सा भी थे कि जब -
न तब पिटाई की जाती है हमलोग का ..
अब रहा न गया प्लान सेट कर लिया भागना है तो सिर्फ भागना
हैं मैंने समझाया फिर भी दोनों भाई ने नही माने और साथ मे
जबरदस्ती हमे भी कहा चलने को मजबूरन हमे भी उनका साथ
देना पड़ा और हम तीनों घर से निकल गए समय 4 संध्या हो
रही थी ..और ₹ सिर्फ मेरे पास ही थे 60₹
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