श्रद्धा केस। - T͟h͟e͟ ᏚᎻᎪYᎪᎡNᎪ S͢h͢a͢y͢a͢r

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Saturday, November 19, 2022

श्रद्धा केस।

 Sharada murder case

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कहानी शुरू होती है मुम्बई से जहाँ एक शहर है (पालघर )

 जहाँ की श्रद्धा रहने वाली है, इनके पिता श्री विकाश वालकर जो इलेक्ट्रॉनिक्स शॉप पे रहते , इनकी धर्म पत्नी सुमन जिनकी बेटी श्रद्धा है  और एक भाई है ... 2018 में श्रद्धा नैकरी की तलाश में मुंबई पहुचती है पालघर को छोड़ कर  इधर पालघर में जो पिता श्री है इनके ये बीवी बेटी बेटा से अलग रहते है श्रदा अपने माँ और भाई के साथ रहती थी 2018 में मुम्बई आती है मुबई की मलार में आखिरकार दोस्तो की मदद से इन्हें multinational company में कॉल सेंटर की जॉब मिल जाती है
वही पे एक लड़का काम करता था आफताब नाम का ये भी उसी कंपनी में जॉब करता था दोनों एक दूसरे को जानने लगे दोस्ती हुई और ये दोस्ती प्यार में बदल गयी जब 2-3 मंथ बाद घर जाती है श्रद्धा तो अपनी माँ से कहती है मैं एक लड़के से प्यार वो मुस्लिम है और हमलोग लीविंग में रह रहे है. और मैं उसी से शादी करना चाहती हूँ माँ मना करती है ये नही हो सकता बिल्कुल। भी ये बात जब उनके पिता को पता चली तो वो भी मना किये फिर भी ये लड़की माँ बाप के विरुद्ध जा कर उसके साथ लीविंग में रहने लगी ..2020 में श्रद्धा की माँ की मिरत्यु हो जाती है वो घर वापस जाती है जो रस्मे होती है वो कर कर वापस आ जाती है  , इसके बाद पिता से उसकी दो बार बाते हुई फ़ोन पर उसने बताया कि आफताब मारित पिटता है , उसके पिता ने फिर एक बार समझाया कि लौट आओ ऐसे रिशते को तोड़ दो फिर भी श्रद्धा बोलती है नही फिर उसने माफि मांग ली समझौते कर लिये कोई ना कोई दिक्कत नही है  मैं लौटने वाली नही हुन दो बार के के बाद पिता से बात-चीत बन्द एक भाई है उससे भी बात चीत वन्द हो जाती है  श्रद्धा की कुछ दोस्ते थी वो उनसे उसकी हाल चाल पूछ लिया करते फिर वो अपनी बेटी की whatsapp पे वो d. p chng करती रहती fb पे कूछ कुछ लिखती पोस्ट करती रहती तो पिता को लगता चलो वो थिक है  8 मई को दिल्ली के लिये दोनों ट्रैन धरते है और 9 मई को दिल्ली पहुचते है , और एक पास के इलाका पहाड़गंज एक होटल में एक रूम लेते है  और फिर वही रात को रुकते है फिर next day  ये दूसरे इलाके में जाते है शैकदुल्लाजाब साउथ दिल्ली में है  वहां पे होटल किराये में लेते है और रुकते है 10 मई की इन दोनों का जो कॉमन दोस्त जो मुम्बई में रहता था वो दिल्ली में रहता है वो छतरपुर में रहता है ये दोनों वहां जाते है  और छतरपुर पे उनके घर कुछ दिन रुकते है रहने के दौरान  उसका दोस्त बोलता है तुम दोनों यही पे अपने लिये एक घर देख लो  अब दोनों एक नया घर देख लेते है और वो दोनों अपनी जिंदगी बताना शुरू कर देते है  अब श्रद्धा कहती है हमलोग 3 साल से लीविंग में रह रहे है अब हो गया अब इस रिशते को एक नाम देते है हमलोग शादी कर लेते है  आफताब बार बार टालता रहा थिक तो हमलोग रह रहे है शादी की क्या जरूरत है  इस बात को लेकर दोनों में झगड़ा होता फिर शुलझ जाता अब कुछ ही दिन बीते 18 मई को दोनो की फिर झगड़ा हुई शादी की बात को लेकर इस बार आफताब ने उसे गले दबा दिये जब तक कि वो मर नही गयी और तरह से उसे मार दिया जाता है ,, फिर उस रात वो लास के साथ वैसे ही सो गया उस रात फिर अगली सुबह वो मार्केट जाता और एक बड़ा सा फ्रीज़ लेता है ,बैग लेता है और एक आड़ी लेता है फिर रूम पे वापस जाता है और वो लास को बाथरूम में ले जाकर काटता है , ये सिलसिला 5 जून तक चलता रहा डेली दारू पीकर आता और लास को काटता और देर रात रोज रात को 2 बजे रूम से निकलता और वही पास के जंगलो में लास के टुकड़े को फेकता रहा , और किसी को भनक तक नही लगती डेली वही कर5आ और रोज अलग अलग जगहो पे लास को फेकता ताकि एक टुकड़े मिल भी जाय तो किसी कुछ पता नही चले और ऐसे उसने 5 जून तक कि लगभग 18 दिनों तक फिर वो वही रहने लगता है कुछ महीने बीतते है sep के महीने श्रद्धा की दोस्त उसके भाई को कॉल करती है और कहती मैं श्रद्धा को लगातार कॉल कर रहा कुछ महीने कॉल लग नही रहे क्या उसने नंबर बदले है उसको कॉल कररहे तो स्वीच ऑफ आ रहा अगर नया नंबर तुम्हे दिए है तो मुझे दो  भी कहता हमारे पास भी कोई नंबर नही जो उनसे फ़ोन नही लग रहा  बहकी घबराता है और वो अपने पिता को बताता है वो उनकी दोस्त का नंबर लेते है खुद उससे बात करते है क्या हुआ  वो कहती है हमेशा हुमसे  2- 3 दिन में अक्सर बात हुआ करती थी इधर कितने महीने बीत गए नही बात हुई कॉल स्विच off आ रहा है ये सुनकर पिता घबरा गए वो वही निजी थाना मुबई में ही अपनी बेटी की रिपोर्ट लिखतवाते है कि वो लापता है फिर पुलिस बोलता है ये केस हमारे थाने में नही आती फिर वो दिल्ली पुलिस को केस ट्रान्सफर करते है फिर खुद उसके पिता दिल्ली जाते है फिर वो दिल्ली पुलिस छान बिन करती है फिर आफताब के नंबर को ट्रेस करते है उसका नंबर चालू आता है ओहिर पुलिस छतरपुर पहुच जाती है , फिर पूछ ताछ करने पे आफताब बतलाता है कि 18 मई को हम दोनों की लड़ाई हुई फिर वो रूम छोर कर चली गयी जरूरी हमने भी नही समझे इसलिये कॉल नही किया बाकी का नही पता पुलिस डाउट हुआ बार एक ही सवाल की तो  वो  अपने बयान से पलटता रहा फिर उसे थाने लेकर जाते है पूछ ताछ करते है फिर सारी सच्चाइ सामने आती है , कोई इतना भी जलाद कैसे हो सकता है यार सिर्फ शादी की बात पे डेली दोनो झगड़ते थे और आखिर में इस कुत्ते ने उसे मार डाला और 18 दिन लगातार उसके टुकड़े कर के फेकता रहा रात 2 बजे डेली सोचो किता जलाद इंसान होगा ये ..... लड़की अगर माता-पिता के बात मान लेती तो आज ऐसा नही होता.......!जानवर की तरह व्यवहार करने वालो को तो उसको भी वैसे ही सजा मिलनी चाहिये इसके बॉडी हरेक हिस्सो को रॉड गर्म करके उसके शरीर को जलानी चाहिये बताओ 35 टुकड़े किया उस मासूम की इस जलाद ने।।.



कुछ गलत लिखा हो तो कमेंट कर के जरूर बताये पढ़ने के लिये धन्यवाद.
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